Retirement Age Hike Good News: मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है। खासतौर पर आयुष विभाग में कार्यरत डॉक्टरों के लिए यह खबर बेहद खुशी की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब सरकारी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। यह निर्णय अनुभव और योग्यता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं जनता को अधिक समय तक मिल सकें।
आयुष विभाग को मिली बड़ी सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम के मामलों में सीधे आयुष विभाग से अनुमति ली जा सकेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की प्रक्रिया और अधिक सुगम हो जाएगी। साथ ही, उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा की सराहना करते हुए इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।
रिटायरमेंट उम्र में बढ़ोतरी क्यों की गई?
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि 60 वर्ष के बाद भी कई कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति अच्छी बनी रहती है, साथ ही उनके पास वर्षों का अनुभव होता है। इसी कारण से, आयुष विभाग के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र में बढ़ोतरी की गई है। इससे राज्य को अनुभवी और दक्ष चिकित्सा सेवाएं मिलती रहेंगी।
देशभर में लागू हो सकता है यह मॉडल
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस मुद्दे पर विचार करने की बात कही है। कोर्ट का मानना है कि 60 वर्ष के बाद भी कई कर्मचारी कार्य करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते हैं। इस फैसले के बाद अन्य राज्यों में भी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। जल्द ही देशभर में इस विषय पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
नए फैसले से डॉक्टरों में खुशी
इस घोषणा के बाद सरकारी डॉक्टरों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वे अब 65 वर्ष तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे और जनता को अपने अनुभव का लाभ पहुंचा सकेंगे।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक अहम कदम साबित होगा। इससे अनुभवी डॉक्टरों का ज्ञान और अनुभव लंबे समय तक उपयोग में लाया जा सकेगा। अन्य राज्यों में भी इसी तर्ज पर निर्णय लिए जाने की संभावना है, जिससे देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।