दोस्तों आज हमं बात करने वाले हैं, LCD kya hai, LCD ka full form in Hindi और LCD के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
आपको यह तो पता होगा की LCD बहुत से electronic उपकरणों में use किया जाता है। आपने बहुत बार देखा होगा की किसी Mobile, Tablet, Computer और Laptop में LCD screen का use किया गया है।
यहां तक की LCD का use digital घड़ियाँ बनाने के लिए भी किया जाता है।
नमस्कार दोस्तों, आपका Hindi Ka Bazaar में स्वागत है। आप LCD के बारे में भलीभांति जानते होगें। क्युकी यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में use होने वाली वस्तु हैं।
लेकिन LCD के बारे में जो में बताने वाला हूँ शायद ही आपको पता हो। पहले तो जान लेते हैं की post में आपको क्या-क्या जानें को मिलेगा।
इस post में आपको LCD kya hai, LCD ka full form in Hindi के बारे में तो आपको बताएंगे ही साथ ही साथ इसमें आपको LCD किस तरह काम करती है, LCD के प्रकार कौन-कौन से हैं, LCD और LED में क्या अंतर है, LCD का इतिहास, LCD के उपयोग देखने को मिल जाएगा।
LCD के बारे में पूरी जानकारी आपको इस post में देखने को मिल जाएगी। आपको कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है।
कृपया करके आप इस post को पूरा पढ़ें ताकि LCD क्या है के बारे में पूरा पता हो।
चलिए बिना किसी देरी के हमं post को शरू करते हैं।
LCD kya hai? LCD ka full form in Hindi
LCD ka full form Liquid Crystal Display होती है। यह एक flat display technology है। जिसके द्वारा आप रंगीन चित्र या जिसे हमं colored images कहते हैं, वह देख सकते हो।
यह technology आम तोर पर Mobile, Laptop, और computer monitor की screen को बनाने के लिए किया जाता है।
यह बहुत ही पतला display device होता है। जो बहुत छोटे-छोटे liquid crystal से मिलकर बना होता है। इन छोटे liquid crystal को pixel भी कहा जाता है।
इन pixels में अलग-अलग तरह के color या रंग भरे होते हैं। जैसे की मुख्य रूप से हरा, नीला, और लाल तरह के रंग होते हैं।
LCD इन pixel के जरिये ही किसी image को हमें दिखाती है। देखिये जैसे की आपको बताया की LCD में liqiud crystal का use किया जाता है।
जिसकी वजह से picture quality बहुत बढ़िया और high quality की हो जाती है। LCD में backlight होती है, जो LED के pixels को रौशनी provide करती है।
यदि आप pixel kya hota hai के बारे में और जानना चाहते हो तो इस post को पढ़ सकते हैं।
लेकिन अब LCD को नई technology जिसे OLED कहा जाता है उससे replace किया जा रहा है।
LCD काम कैसे करती है?
जैसा की आपको बताया की LCD में pixels होते हैं। लेकिन अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की LCD में कितने pixels होते हैं?
इसका सीधा सा जवाव है की LCD display को बनाने के लिए लाखों और करोड़ों pixels का use किया जाता है। किसी भी display की quality को जानने के लिए pixels से ही पता लगाया जाता है।
जैसे की अगर आप कोइ Full HD tv लेने जा रहे हैं को तो वह 1920 * 1080 = 20,73,600 pixels होते हैं। वहीं अगर आप 4K TV लेने जा रहे हैं तो उसमें 3840 * 2160 = 82,94,400 pixels होते हैं।
Pixels को तीन भागों में बांटा जाता है, जिसे subpixels कहा जाता है। इसमें सबसे पहला भाग red, दूसरा blue और तीसरा green है। इन तीनों को RGB के नाम से भी जाना जाता है।
जब भी pixels के अंदर subpixels अपना color combination change करते हैं तो हमें screen पर अलग-अलग प्रकार के color देखने को मिलते हैं।
इसी तरह जब LCD display में मोजूद लाखों pixels एक साथ काम करते हैं तो, LCD display million colors यानि लाखों colors को बना सकती है और उसे screen पर दिखा सकती है।
अब यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह भी है की जब pixels को बहुत तेजी से on और off किया जाता है तो picture का निर्माण होता है।
आपको यह मालूम ही होगा की बाज़ार में अलग-अलग type की display मोजूद हैं, जैसे की CRT, LCD, LED।
इन सब display में pixels को अलग-अलग तरीके से control किया जाता है। जैसे की आपको पता ही है की LCD में backlight होती है।
जिसकी वजह से LCD को प्रकाश दिया जाता है और polarized light को घुमाने के लिए liquid crystal का use करके electronic रूप से pixels को on या off करवाया जाता है।
सभी pixels के सामने और पीछे polarizing glass filter को लगाया जाता है। इन दोनों filter के बीच में liquid crystal होते हैं, जिन्हें electronic रूप से on या off किया जाता है।
LCD को passive matrix या active matrix display grid द्वारा बनाया जाता है। वहीं active matrix LCD को TFT display यानि thin film transistor display भी कहा जाता है।
वहीं बात करें passive matrix LCD की तो इसमें conductors का जाल होता है, जो की एक चोराहे की तरह दिखाई देता है।
यह conductors प्रतेक pixels के साथ connect होते हैं। Pixel की light को control करने के लिए दो conductors के बीच से current को पास किया जाता है।
Active matrix से बनी LCD में हर pixel के साथ एक transistor जुड़ा रहता है। जिसकी वजह से pixels की light को control करने के लिए कम current की आवश्यकता होती है।
इसी कारण से active matrix display बहुत जल्दी pixels को on या off कर सकती हैं साथ ही screen का refresh time भी improve होता है।
इन दोनों में से active matrix technology ज्यादा बढिया मानी जाती है।
अभी तक आपने पढ़ा की LCD kya hai, LCD ka full form क्या है। यदि आपको post पसंद आ रही है तो हमें like या comment करके जरुर बताएं। चलिए बना देरी किये आगे continue करते हैं।
LCD कितने प्रकार की होती हैं?
LCD चार प्रकार की होती हैं। जिन्हें हमं नीचे discuss करने वाले हैं।
- Twisted Nematic (TN)
- In-plane Switching (IPS)
- Vertical Alignment Panel (VA Panel)
- Advanced Fringe Field Switching (AFFS)
अब हमं एक-एक करके इनके बारे में जानलेते हैं।
1) Twisted Nematic (TN) :
TN LCD बहुत ही commonly use होने वाली display हैं। इसका उपयोग बहुत से उद्योगों में किया जाता है। जिसके कारण इन display की मांग बाज़ार में रहती ही है।
अगर इन display की तुलना अन्य display से की जाए तो यह बहुत ही सस्ती होती है। इस प्रकार की display gamers द्वारा प्रयोग में लाई जाती है।
यह display daily operations के लिए भी बहुत बड़िया है। लेकिन इसमें कम रंगों का पुनरुत्पादन, कम contrast ratio, और कम viewing angle होता है।
लेकिन यह display 240 Hz तक उपलब्ध हैं। जिसके कारण यह gamers के लिए अच्छा option होती हैं।
2) In-plane Switching (IPS) :
LCD की दुनिया में In-plane Switching यानिकी IPS display को बहुत ही बढिया माना जाता है। ऐसा इसलिए भी है क्यूंकि IPS displays में picture की quality बहुत ही बढिया नजर आती है।
और इसमें बढिया vibrant colors भी देखने को मिल जाते हैं। साथ ही यह TN display से बढिया होती है।
Graphic designers के लिए यह display बहुत बढिया मानी जाती है।
3) Vertical Alignment Panel (VA Panel) :
Quality के मामले में VA Panel को TN display और IPS display के बीच में मध्यम quality की display माना जाता है।
यदि इसकी तुलना TN display से की जाए तो यह बढिया quality के color production करता है। वहीं इस display के viewing angle भी TN display से ज्यादा हैं।
रोजमर्रा की जिन्दगी के लिए VA Panel बढिया हैं। लेकिन इस panel का response time कम है और दूसरी displays के मुकाबले ज्यादा महंगी हैं।
4) Advanced Fringe Field Switching (AFFS) :
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की AFFS display बहुत ज्यादा advance होती है। इन display की picture quality बहुत ही बढिया होती है।
साथ ही साथ colors ज्यादा vibrant होते है और viewing angle भी ज्यादा होता है। इन displays का use advance applications में किया जाता है। जैसे की हवाई जहाजों के cockpits में किया जाता है।
LCD का इतिहास क्या है?
पहले liquid crystal की खोज सन 1888 में फ्रेडरिक रेनित्ज़र्स द्वारा की गई थी। वह chemist और ऑस्ट्रियाई वनस्पतिशास्त्री थे।
उन्होंने liquid crystal को गाजर के cholesterol से निकला था।
सन 1962 में Richard Williams द्वारा voltage की मदद से liquid crystal की पतली परत पर धारी पैटर्न बनाया गया था। जिसे electro-optical effects भी कहा जाता है।
सबसे पहली LCD display 1964 में RCA Laboratories के George Heilmeier द्वारा बनाई गई थी। वह पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे।
वहीं अगर बात करें आज की modern LCD की तो सन 1972 में James Fergeson द्वारा बनाई गई थी।
इन LCD को बनाने में passive grid technology का इस्तेमाल किया गया था। वहीं 1995 में Hitachi और NEC द्वारा पहली active grid technology का use किया गया था।
दरअसल यह IPS display थी, जिन्हें इन companies द्वारा बनाया गया था।
देखिये अगर आपको LCD kya hai, LCD ka full form in Hindi, LCD कितने प्रकार की होती हैं और LCD के बारे में दी जा रही जानकारी पसंद आ रही है तो post को like या comment करके जरुर बताएं।
LCD के क्या फायदे हैं?
LCD बहुत ही जल्दी CRT monitors और televisions का स्थान लेने जा रहे हैं, चाहे फिर बात करें घर या office की हर जगह LCD का ही बोल-बाला है।
हो भी क्यों ना जब यह किसी CRT monitors से ज्यादा advance और लाभकारी है। चलिए अब हमं जान लेते हैं की LCD के क्या फायदे हैं।
- Power Consumption
- कम space लेती हैं
- Brightness
- No Burn-in
- Screen Flicker
1. Power Consumption कम करता है:
सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण फायदा है की LCD कम power consume करती हैं। यदि हमं इसकों CRT से तुलना करें तो यह कम power consumption करती हैं।
LCD screen का size जितना बड़ा होगा उतनी ज्यादा यह power consume करती हैं। लेकिन फिर भी CRT की तुलना में कम है।
यदि कोइ LCD monitor अगर 25 से 50 watts use कर रहा है, तो same size का CRT monitor 60 से 80 watts तक use कर सकता है।
2. कम space लेता है :
LCD monitor या TV का size कम होता है, अगर हमं CRT monitor के साथ compare करें। जिसकी वजह से LCD monitor कम space लेता है।
इसमें बहुत पतली screen होती है। इसके कारण आपके table पर बहुत ज्यादा space बच जाता है, उसमें आप documents, या अन्य चीजें रख सकते हो।
3. Brightness
LCD monitor और TV ज्यादा bright होते हैं। जिसके कारण उनकी picture quality बढिया होती है। अगर हमं CRT से compare करें तो LCD की picture quality ज्यादा बढिया होती है।
ऐसा इसलिए भी हैं क्यूंकि LCD monitors में backlight होती है जो continuously जलती रहती है।
4. No Burn-in
जब आप LCD का use बहुत ज्यादा game खेलने या कोइ अन्य काम करते हैं या बहुत सारा static content रखते हो तो उन्हें आप खत्म कर सकते हो। Static content का मतलब होता है जो images और content जो move नहीं करते हैं।
लेकिन CRT में static content को खत्म नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्यूंकि CRT में phosphors के जरिये light को बनाया जाता है।
वहीं LCD में backlight का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें pixels के पास कोइ light नहीं होती है।
LCD के नुक्सान क्या हैं?
अगर किसी चीज की advantages होते हैं तो कुछ disadvantages यानिकी नुकसान भी देखने को मिलते हैं।
ठीक उसी प्रकार LCD के कुछ नुक्सान भी देखने को मिलते हैं। उन सब के बारे में हमनें नीचे बताया हुआ है।
- कम viewing Angle
- ज्यादा मंहगी
- काले रंग को सही से ना दिखा पाना
- Interfaces
- Bad pixels और stuck pixels
- Burn-in Effect
- Fixed Resolution Format
- Depend on Temprature
- Input Lag
- असमान बैकलाइटिंग
1). कम Viewing Angle
जो सस्ते LCD monitors या TV होने हैं उनमें यह समस्या बहुत ज्यादा पाई जाती है। इसकी वजह से color, saturation, और contrast उपयोगकर्ता की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है।
लेकिन जो बढिया LCD monitors या TV होते हैं उनमें viewing angle की समस्या को company के द्वारा खत्म कर दिया जाता है।
इसी लिए यदि आप LCD monitor लेने की सोच रहें हैं तो बढिया company जैसे LG, Samsung का ले सकते हो।
2. ज्यादा मंहगी
अगर आप किसी बढिया quality की LCD लेना चाहते हो तो बहुत मंहगी आती है। अगर हमं इसको plasma flat pannel से compare करें तो उससे मंहगी आती हैं।
वहीं CRT monitors से थोड़ी सस्ती होती हैं। वहीं अगर आप बड़े size की LCD लेना चाहते हो तो उसका दाम बहुत बढ़ जाता है।
3). काले रंग को सही से ना दिखा पाना
LCD monitors काले रंग यानि black color को सही से dark नहीं दिखा पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्युकी pixels रौशनी को सही से नहीं रोक पते हैं।
जिसके कारण black होने पर हमें भूरे रंग के विभिन्न shades देखने को मिलते हैं। यह true black नहीं कहा जा सकता है।
4). Interfaces
वैसे तो LCD को अभी तक सबसे बढिया display माना जाता है। लेकिन जो सस्ती LCD होती हैं उनमें digital interface को upgrade करने में मुश्किल और कमजोर सिग्नल transmission जैसी दिक्कतों का सामना करना पढ़ता हैं।
Digital Interface एक ऐसी technology है जिसके जरिये आप बहुत से devices को आपस में connect कर सकते हो।
5). Bad pixels और stuck pixels
Bad pixels उन pixels को stuck pixels और dead pixels भी कहा जाता है। Stuck pixels वह होते हैं जो screen में अलग से color में glow करते रहते हैं।
जैसे की मानलीजिये आपने black color का wallpaper अपनी screen में लगाया हुआ है। अब आपकी पूरी screen तो black है लेकिन screen के छोटे से हिस्से में pixel अलग color glow कर रहा है।
ऐसी condition को हमं stuck pixels कहते हैं।
वहीं बात करें dead pixels की तो यह हमेशा black color में ही दिखाई देते हैं।
6). Burn-in Effect
बहुत सी सस्ती या अच्छे से design ना की गई हो तो LCD में burn-in effect देखा जाता है। लेकिन यह effect permanent नहीं होता है।
यह effect तब देखने को मिलता है जब कोइ static image का use लम्बे समय के लिए किया जाता है।
7). Fixed Resolution Format
LCD display में हमेंशा fixed aspect ratio और resolution होता है। इसे बदला नहीं जा सकता है।
8). Depend on Temprature
अगर आप बहुत ज्यादा कम तापमान वाली जगहों में रहते हो तो LCD display में कुछ दिक्तों का सामना करना पड़ सकता है।
जैसे की brightness का एक दम से बिलकुल कम हो जाना या खत्म हो जाना और display का response time slow हो जाता है।
वहीं अगर आप बहुत ज्यादा high तापमान वाली जगहों में रहते हो तो contrast का नुकसान हो सकता है।
9). Input Lag
LCD में A/D converter होता है। जिसके चलते हर एक frame का wait किया जाता है, लेकिन इसके कारण output को प्रदर्शित करने में समय लग जाता है।
बहुत से LCD monitors में किसी भी image को दर्शाने के लिए post processing का use किया जाता है। इस process में background में raw image तैयार की जाती है।
ताकि image की quality को और ज्यादा सुधार जा सके। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा होने में समय लगता है।
जिसके कारण हमें lag देखने को मिलता है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह हैं की आज कल बहुत से modern monitors बाज़ार में मोजूद हैं जिनमें यह सब processing एक single chip में होता है।
बहुत से LCD monitors में gaming modes आते हैं, जिनके जरिये आप इन सब options को disable कर सकते हो।
10). असमान बैकलाइटिंग
जैसा की आपको पता हैं की LCD में पूरी screen को backlight के जरिये ही रौशनी provide की जाती है। जिसके कारण uneven backlighting की problem देखने को मिल जाती हैं।
इसकी वजह से screen पर कई जगह कम brightness और कुछ जगह ज्यादा brightness देखने को मिलती है।
तो दोस्तों आपने अभी तक पढ़ा की LCD kya hai, LCD ka full form kya hai, LCD कितने प्रकार की होती हैं, और LCD के advantages और disadvantages हमनें अभी तक देख चुके हैं।
LCD और LED में क्या अंतर हैं? Difference between LED and LCD in Hindi
S.NO | LED | LCD |
---|---|---|
1. | LED में आपको अच्छा response time देखने को मिल जाता है। | LCD में response time थोडा slow होता है। |
2. | LED ज्यादा मंहगी होते हैं। | LCD कम कीमत की भी मिल जाती हैं। |
3. | यह LCD के मुकाबले ज्यादा power consume करती हैं। | यह कम power consume करती हैं। |
4. | LED को बनाने के लिए gellium arsenide phosphide होता है। | वहीं LCD को बनाने के लिए liquid criystals और glass electrodes का use किया जाता है। |
5. | LED में आपको LCD के मुकाबले बढिया picture quality देखने को मिल जाती है। | LCD में आपको LED के मुकाबले low picture quality देखने को मिलती है। |
6. | LED में आपको wide viewing angle देखने को मिल जाता है। | वहीं बात करें LCD की तो इसमें आपको कम viewing angle मिलता है। |
7. | आपको LED में dark black color भी LCD के मुकाबले बढिया दिखता है। | वहीं LCD में आपको black color को सही से dark नहीं दिखा पाते हैं। |
FAQ (Frequently Asked Questions)
LCD ka full form kya hai?
LCD ka full form Liquid Crystal Display होती है।
LCD क्या है इसके मुख्य उपयोग क्या है?
यह एक flat display technology है। जिसके द्वारा आप रंगीन चित्र या जिसे हमं colored images कहते हैं, वह देख सकते हो।
एलसीडी का दूसरा नाम क्या है?
LCD का दूसरा नाम Electronic Visual display है। इसको आसान भाषा में Liquid Crystal Display भी कहा जाता है।
LCD का use कहाँ होता है?
LCD का use mobile, calculator, laptop, monitors, watches बनाने में किया जाता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज आपने सीखा की LCD kyA hai?, LCD ka full form kya hai, साथ ही साथ हमनें जाना की LCD कितने प्रकार की होती हैं, और कुछ हमें advantages और disadvantages भी देखली हैं।
आपको यह post कैसी लगी हमें like और comment करके जरुर बताएं। आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा लिखी हुई post समझ में आई होगी।
इस post को पढने की लिए आपका बहुत-बहुत धन्यबाद। आपका समय शुभ रहे। जय हिन्द जय भारत!!