Capacitor kya hai? What is Capacitor in Hindi

Capacitor in Hindi: आपनें कभी ना कभी तो capacitor का नाम सुना ही होगा। आज हम capacitor kya hai, यह क्या काम करता है, कैपेसिटर का कार्य, कापसिटर के प्रकार जैसे सभी सवालों के जवाव जानें वाले हैं।

Capacitor को condensers भी कहा जाता है। यह एक छोटी battery की तरह होता है। लेकिन इसका काम battery से बहुत अलग होता है।

एक battery में chemical energy को electric energy में convert किया जाता है। वहीं एक capacitor electronic component है। जिसके अंदर electrostatic energy को electric field में store किया जाता है।

Capacitor का इस्तेमाल बहुत से electronic devices जैसे की TV, monitor, radio, LED bulb, और भी छोटे बड़े उपकरणों में किया जाता है।

चलिए अब हम कैपेसिटर क्या है को विस्तार से जान लेते हैं।

Capacitor kya hai? What is Capacitor in Hindi

यह दो terminal electric device होता है। जिसमें electric charge की form में energy store होती है। Capacitor के अंदर दो electrical conductors होते हैं। जो की आपस में कुछ दूरी पर होते हैं।

इन दोनों electrical conductors के बिच में vacuum बना होता है या फिर इस खाली जगह पर insulating material होता है। जिसे dielectric कहा जाता है।

Capacitor के अंदर charge को store करनें की ability होती है, जिसे capacitance कहा जाता है। Capacitor positive और negative change को अलग करके इन्हें अपनें में store करके रखता है।

अगर इसके design की बात करनें तो यह बहुत simple होता है। Capacitor के अंदर दो metal plates होती हैं और इन दोनों plates के बिच में gap होता है।

इसकी shape, size और charge को store करनें की capacity अलग-अलग होती है। इसके साथ ही capacitor को बनानें के लिए अलग-अलग तरह का material use किया जाता है।

अब आप सोच रहें होगें की capacitor का इस्तेमाल क्यूँ किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बतादूँ की इसका use करके smooth output create किया जाता है। ताकि sensitive electronic device को current की fluctuation की वजह से नुक्सान ना हो।

Construction of Capacitor (कैपेसिटर का निर्माण)

ज्यादातर capacitor में दो electric conductor होते हैं। इन दोनों plates के अंदर insulating material होता है जिसे dielectric कहा जाता है।

इन दोनों plates के अंदर एक plate में +ve charge store होता है। वहीं दूसरी plate में -ve charge store होता है।

कैपेसिटर का कार्य (कैपेसिटर काम कैसे करता है?) Capacitor working in Hindi

Capacitor को हमं आसान भाषा में समझनें की कोशिश करते हैं। इसको हमं बिकुल basic structure से समझनें की try करते हैं।

जैसे की आप diagram में देख सकते हो की हमनें capacitor को parallel में connect किया है। इसे parallel plate capacitor कहा जाता है।

Capacitor में दो parallel plates होते हैं। जिन्हें हमनें plate 1 और plate 2 नाम दिया है। इन दोनों को separate करनें के लिए dielectric का use किया गया है।

जब हमं DC source को कैपेसिटर के साथ connect किया गया हैं। Plate 1 को dc source के positive के साथ connect किया गया है। वहीं plate 2 को dc source के negative के साथ connect किया गया है। जब battery का potential capacitor में apply हुआ तो ऐसे में plate 1 में +ve charge create हो गया वहीं plate 2 में -ve charge create हो गया।

Capacitor में current flow करनें की कोशिश कर रहा है। ताकि capacitor steady state में बापिस आ सके। Steady state में बापिस आनें के लिए positive plate से current को negative plate तक आना होगा।

लेकिन insulating material की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है।

जब battery को capacitor के साथ attach करते हो तो electric field create होता है और यह charge होना शरू हो जाता है।

इसे charge होनें में कुछ milliseconds का ही समय लगता है। जो plate battery के positive के साथ connect होती है उसमें positive charge create हो जाता है। वहीँ battery के negative से connect plate में negative charge create हो जाता है।

कुछ समय के बाद capacitor maximum amount of charge अपनें में store कर लेता है। इस चीज को charging time of capacitor कहा जाता है।

जब battery को capacitor से remove किया जाता है तब भी positive और negative charge रहता ही है और यहाँ पर capacitor electric energy के source की तरह काम करता है।


वहीं अगर capacitor की इन plates को load के साथ connect कर दिया जाता है तो current का flow पहली plate से दूसरी plate तक flow होता है। जब तक सारा charge flow नहीं हो जाता है तब तक plate 1 से plate 2 की तरफ charge flow करता ही रहता है।

इस time span को capacitor का discharging time कहा जाता है।

Capacitor की value कैसे तय करते हैं?

Capacitor में मोजूद plates में कुछ charge होता ही हैं, जिसे हमनें Q1 और Q2 नाम दिया है। Q1capacitor के positive charge को represent करता है। वहीं Q2 capacitor के negative charge को represent करता है।

दोनों plates के बिच में electric field, plates के बिच में दिए गये charge पर depend करता है। जैसा की आपको पता है की potential difference (V), electric field के directly proportional होता है।

Q ∝ V

Q = CV

C = Q / V

Capacitor का Connection

Capacitor को circuit के साथ connect करनें के दो तरीके होते हैं जिनके बारे में हमनें निचे बताया है।

  • Series Connection
  • Parallel Connection

Capacitor का Series Connection

जब capacitor in Hindi को series में connect किया जाता है तो charge Q का magnitude हर एक capacitor में same ही होता है।

लेकिन C1 और C2 में potential अलग-अलग होता है। जिसे V1 और V2 कहा जाता है।

capacitor kya hai

Series Connection में जब capacitor को जोड़ा जाता है तो capacitor का positive terminal दूसरे capacitor के negative terminal के साथ जुड़ता है।

और Capacitor का negative terminal दूसरे capacitor के positive terminal के साथ connect होता है।

जैसा की आप image में देख सकते हो की C1, C2 capacitor को series में connect किया गया है। इन दोनों capacitor में दी गई voltage V1, V2 होगी।

इन दोनों capacitors में charge एक समान होगा।

Q = C1 V1 = C2 V2

Combination में potential difference कुछ इस प्रकार होता है।

V = V1 + V2

V = Q / C1 + Q / C2

V / Q = 1 / C1 +1 / C2

Q / V का ratio capacitance C के बरावर होता है। अब हमं equation को कुछ इस प्रकार से लिख सकते हैं:

1 / C = 1 / C1 + 1 / C2

C1, C2 और V1, V2 का potential difference कुछ इस प्रकार होता है:

V1 = C2 / C1 + C2 और V2 = C1/ C1 + C2 * V

अगर दो से अधिक capacitor होगें तो relation कुछ इस प्रकार होगा:

I / C = 1 / C1 + 1 / C2 + 1 / C3 + 1 / C4 + 1 / C5 + 1 / C6 + ……………

Capacitor का Parallel Connection

Parallel connection में capacitor को connect करनें के लिए capacitor के negative terminal को दूसरे capacitor के negative terminal के साथ जोड़ा जाता है।

वहीं capacitor का positive terminal दूसरे capacitor के positive terminal के साथ जोड़ा जाता है।

Parallel connection में capacitor का potential (V) same रहता है। वहीं charge (Q) difference होता है।

What is capacitor in Hindi

Q = Q1 + Q2

Q = C1V + C2V2

Q / V = C1 + C2

आपस में जुड़े capacitor का capacitance same होता है। इसकी वजह से इसका formula इस प्रकार से होता है।

C = C1 + C2

अगर दो या दो से ज्यादा capacitor आपस में attach होते हैं तो इसका formula इस प्रकार होगा।

C = C1 + C2 + C3 + C4 + ……….

निष्कर्ष

इस post में हमनें जाना की capacitor kya hai, कैपेसिटर का कार्य क्या होता है, साथ ही हमनें जाना की Capacitor के series connection और parallel connection क्या होता हैं।

अब आपको capacitor के बारे में पूरी जानकारी हो चुकी है। आपको यह post कैसे लगी हमें comment करके जरुर बताएं।

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