उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए एक ऐतिहासिक खुशखबरी सामने आई है! लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा तोहफा दिया है। अब शिक्षामित्रों का मासिक मानदेय ₹18,000 प्रतिमाह कर दिया गया है, जिससे लाखों शिक्षामित्रों के जीवन में आर्थिक स्थिरता आएगी।
📢 बजट 2025-26 में शिक्षामित्रों को बड़ी राहत!
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री योगी ने न केवल शिक्षामित्रों बल्कि संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी बड़ी घोषणाएं की हैं। अब संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को ₹16,000 से ₹18,000 प्रतिमाह तक का मानदेय दिया जाएगा। यह फैसला उत्तर प्रदेश में 8 लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
📌 शिक्षामित्रों के लिए क्यों खास है यह फैसला?
✅ लंबे समय से शिक्षामित्रों की मांग पूरी हुई – शिक्षामित्र लंबे समय से अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, जिसे अब सरकार ने पूरा कर दिया है।
✅ आर्थिक स्थिति होगी मजबूत – बढ़ा हुआ वेतन शिक्षामित्रों की जीवनशैली को बेहतर बनाएगा और उन्हें आर्थिक स्थिरता देगा।
✅ भविष्य में और भी सुधार की उम्मीद – सरकार ने संकेत दिया है कि शिक्षामित्रों की भलाई के लिए आने वाले समय में और भी सुधार किए जाएंगे।
🛑 संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी राहत
शिक्षामित्रों के साथ ही सरकार ने संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। अब न्यूनतम वेतन ₹16,000 से ₹18,000 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे लाखों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
🎯 निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला शिक्षामित्रों और संविदा कर्मियों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम से लाखों शिक्षामित्रों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी और वे पहले से बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे।
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